Thursday, 30 October 2008

TRANSCEND LOVE TO BE IN BUDDHAS...


जो संसार से ऊब गया

वही गुरु के पास आ सकेगा...

जो प्रेम से भी ऊब गया

वही गुरु के साथ जा सकेगा...

क्योंकि... प्रेम सब कुछ है

छल भी... चालाकी भी...

भ्रान्ति भी... क्रांति भी...

महाशुन्य भी... महाशान्ति भी...

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