OSHO
BEYOND BOOKS - BEYOND MIND...
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क्या
क्या किसी किताब में उतरने से चिपकने से
प्रेम मिल सकता है
तुम इतने बेवकूफ नही
तुम जानते हो नही मिल सकता
इसी तरह
क्या किसी किताब में उतरने से चिपकने से
धर्म मिल सकता है
तुम जानते हो
किताबें और कायदे
काम चलाऊ दुनिया में भी
जीना मुश्किल कर देतें हैं
तो
धर्म और प्रेम की दुनिया का तो क्या कहना

धर्म और प्रेम अपनी चेतना में उतरने से मिलते हैं
जिसमें उतरने का मार्ग है ध्यान

सिर्फ़ ध्यान
इंसान खपाऊ कायदों और कारिंदों से सावधान
सावधान
मिटाना ही होगा अब इनका नामों निशान

सत्य के शुभ के सुंदर के मार्ग पर मनुष्य को पुकारते ओशो
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