कुरूपता से लड़ना पड़ेगा,
जवानी संघर्ष से पैदा होती है,
संघर्ष गलत के लिए भी हो सकता है,
और तब जवानी आत्मघात कर लेती है,
संघर्ष बुरे के लिए भी हो सकता है,
तब जवानी कुरूप हो जाती है,
संघर्ष अंधेरे के लिए भी हो सकता है
तब जवानी अंधी हो जाती है,
हम जिसके लिए लड़ते हैं
वैसे ही हो जातें हैं,
इसे ध्यान में रख लेना,
लेकिन जब संघर्ष सत्य के लिए,
सुंदर के लिए, श्रेष्ठ के लिए होता है,
संघर्ष जब जीवन मूल्यों के लिए होता है
तब जवानी सुंदर, स्वस्थ,
सत्य, शानदार होती चली जाती है,
OSHO ON LIGHT OF LIFE
लड़ो सुंदर के लिए
और तुम सुंदर हो जाओगे,
लड़ो सत्य के लिए,
और तुम सत्य हो जाओगे,
लड़ो श्रेष्ठ के लिए
और तुम श्रेष्ठ हो जाओगे,
और मत लड़ो - तुम खड़े-खड़े सड़ोगे
और मर जाओगे
और कुछ भी नही होओगे
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