"और सब प्रकार के तनावों का मूल स्रोत है
बनना - बिकमिंग
हर व्यक्ति सदा कुछ बनना चाहता है

कोई भी व्यक्ति जैसा वह है
उसके साथ विश्राम में नही है
होना स्वीकार्य नही है

होने के प्रति इंकार है
और कुछ बनना एक आदर्श
एक लक्ष्य मन जाता है
इसलिए आधारभूत तनाव सदा
आप जो हैं
और जो आप बनना चाहतें हैं
उसके बीच में हैं"
ओशो
देखो सुनो जानो जागो और समझो

समझ का अर्थ है
आप के भीतर जो भी घटे,
वह आपके जानते, अवेयरनेस में,
आपके होश में, आपके चैतन्य में घटे
जो भी !
और तब बहुत कुछ घटना बंद हो जाएगा
अपने आप
और जो बंद हो जाए
वही पाप है
और जो होशपूर्वक भी चलता रहे
वही पुण्य है
और
समझ कसौटी है
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